Teaching Levels.
introduction. ***B. Ed (2 nd Year)*** Prepared By :- Vaishnvi Kar Pathak (Roll No. 48) Under the guidance of :- Mr. Mehboob Alam Enrollment Number :- SUK632210017 “ Teacher who love teaching teach children to love learning.”.
Introduction. शिक्षण - स्तर शिक्षा कक्षा में विभिन्न कार्यों को संपन्न करने की विधि है|जिसका उद्देश्य छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करना है | शिक्षण प्रक्रिया का मुख्य केंद्र है - अधिगम को प्रभावशाली बनाना | शिक्षण के उद्देश्य अत्यंत स्पष्ट होने चाहिए |तभी शिक्षक प्रभावशाली संसाधनों का प्रयोग कर इसे अधिक शक्तिवान बना सकता है|एक ही पाठ्य-वस्तु को शिक्षण उपागम परिस्थितियां विचारहीन से लेकर विचारपूर्ण तक ले जा सकती हैं|अत: शिक्षण की प्रक्रिया की परिस्थितियों को हम एक सतत क्रम पर विचारहीन क्रियाओं की अवस्थाओं या स्तरों में विभाजित कर सकतें हैं| जो कि निम्न तीन वर्गों में विभाजित हैं-.
Memory Level. Understanding Level. Reflective Level.
Memory Level Teaching. स्मृति- शिक्षण दो शब्दों से बना है- "स्मृति" तथा "शिक्षण" |स्मृति--जब हम किसी वस्तु को देखते हैं तो हमारे अचेतन मन में उसके वस्तु के अनुभव बनकर संचित हो जाते हैं|इन्ही संचित किये हुए भूतकालीन अनुभवों को जब आवश्यकता पड़ने पर प्रत्यास्मरण द्वारा हम पुनः चेतना में लाकर पहचान कर लेते हैं तो इसे "स्मृति" कहते हैं| शिक्षण शिक्षण से तो आप भलीभांति परिचित होंगे ही कि शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम बालक के व्यवहार में वांछित परिवर्तन ला सकें |अर्थात्स्मृति स्तर शिक्षण से हमारा आशय इस प्रकार के शिक्षण से है जो स्मृति पर आधारित हो अर्थात इस स्तर पर ऐसी अधिगम परिस्थितियां विकसित की जाती हैं जिससे छात्र पढ़ी गयी पाठ्य वस्तुओं को सरलता से कंठस्थ कर सकें|.
स्मृति स्तर शिक्षण ( परिचय ). स्मृति- शिक्षण दो शब्दों से बना है- "स्मृति" तथा "शिक्षण" | स्मृति--जब हम किसी वस्तु को देखते हैं तो हमारे अचेतन मन में उसके वस्तु के अनुभव बनकर संचित हो जाते हैं|इन्ही संचित किये हुए भूतकालीन अनुभवों को जब आवश्यकता पड़ने पर प्रत्यास्मरण द्वारा हम पुनः चेतना में लाकर पहचान कर लेते हैं तो इसे "स्मृति" कहते हैं| शिक्षण शिक्षण से तो आप भलीभांति परिचित होंगे ही कि शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम बालक के व्यवहार में वांछित परिवर्तन ला सकें | अर्थात्स्मृति स्तर शिक्षण से हमारा आशय इस प्रकार के शिक्षण से है जो स्मृति पर आधारित हो अर्थात इस स्तर पर ऐसी अधिगम परिस्थितियां विकसित की जाती हैं जिससे छात्र पढ़ी गयी पाठ्य वस्तुओं को सरलता से कंठस्थ कर सकें|.
स्मृति स्तर की अवस्थाएँ. MODELS OF MLT FOCUS SYNTAX SOCIAL SYSTEMS SUPPORT SYSTEMS.
स्मृति प्रशिक्षण के लिए सुझाव (Suggestion For Memory Level Teaching).
Understanding Level Teaching बोध-स्तर शिक्षण. शिक्षण के क्षेत्र में बोध एक बहुत व्यापक शब्द है | मोरिस एल विग्गी ने बोध का प्रयोग निम्न तीन पक्षों को स्पष्ट करने के लिए किया है – विभिन्न तथ्यों में संबंध देखना तथ्यों के संचालन के रूप में देखना तथ्यों के संबंध तथा संचालन दोनों को समन्वित करना।.
Understanding Level Teaching बोध-स्तर शिक्षण. बोध स्तर के शिक्षण में शिक्षक छात्रों के समक्ष पाठ्य वस्तु को इस प्रकार प्रस्तुत करता है कि छत्रों को बोध के लिये अधिक से अधिक अवसर मिले और छात्रो में आवश्यक सूझ बूझ उत्पन्न हो। इस प्रकार के शिक्षण में शिक्षक और छात्र दोनों की काफी सक्रिय रहते है।बोध स्तर का शिक्षण उद्देश्य - केंद्रित तथा सूझ -बूझ से युक्त होता है।.
बोध स्तर शिक्षण की आलोचना. 1. यह प्रतिमान मानवीय व्यवहार की ओर ध्यान देने में असफल रहा है.
बोध-स्तर शिक्षण के लिए सुझाव (Suggestion For Understanding Level Teaching).
reflective Level Teaching चिंतन स्तर शिक्षण. चिंतन मानव के विकास का महत्वपूर्ण पद है इस स्तर पर शिक्षक अपने छात्रों में चिंतन तर्क तथा कल्पना शक्ति को बढ़ाता है ताकि बाद में यह छात्र इनुपा गमों के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें इस स्तर पर शिक्षण में समृद्धि तथा बुध दोनों स्तरों का शिक्षण नहीं होता है इसके बिना चिंतन स्तर का शिक्षण सफल नहीं हो सकता चिंतन स्तर पर शिक्षण संस्था केंद्रित होती है शिक्षक छात्रों के सामने कोई संबंधित ज्वलन्त समस्या प्रस्तुत करता है जिस पर छात्र सक्रिय एवं अभिप्रेरित होकर स्वयं चिंतन प्रारंभ कर देते हैं यह चिंतन आलोचनात्मक दृष्टिकोण वाला मौलिक चिंतन होता है इस प्रकार शिक्षण में छात्रों के बोध व्यवहार को विकसित करने का अवसर देते हुए शिक्षक का कार्य है उनमे सृजनात्मक क्षमताओं का विकास करना.
hunt’s model of teaching at reflective level. विग्गी – चिंतन स्तर पर कक्षा में अधिक सजीव,प्रेणनादायी,सक्रीय,आलोचनात्मक,संवेदनशी-ल वातावरण उत्पन्न किया जाता है|ये वातावरण नवीन तथा मौलिक चिंतन का खुला अवसर प्रदान करता है|.
चिंतन स्तर शिक्षण की आलोचना. 1. चिंता स्तर के शिक्षण के निम्नलिखित सीमा योग्यताएं वर्णित की है चिंतन स्तर के शिक्षण में स्मृति और बोध स्तर के शिक्षण के बाद किसी निश्चित कार्यक्रम का अनुसरण नहीं किया जा सकता.
चिंतन -स्तर शिक्षण के लिए सुझाव (Suggestion For Reflective Level Teaching).
शिक्षण स्तरों के लाभ. 1. शिक्षण क्रियाएँ इन स्तरों के संबंध में कई जा सकती है |.
CONCLUSION. शिक्षण विधियों का उद्देश्य बालकों को अधिक से अधिक ज्ञान देना ही नही होना चाहिए ,बल्कि उन्हें शिक्षा इस प्रकार देनी चाहिए जिससे वें स्वयं ज्ञान प्राप्त करने सक्षम बन सकें और यदि शिक्षक इन शिक्षण विधियों का प्रयोग करने में निपुण है तो वह बालक का सर्वांगीण विकास सफलता पूर्वक कर सकता है ,अन्यथा बिना शिक्षण-विधियों के शिक्षण एक नीरस व असफल प्रक्रियां मात्र है| इसलिए प्रयेक शिक्षक को चाहिए कि वह अपनी कक्षा में समय व विषय अनुसार उचित शिक्षण विधियों का प्रयोग करते हुए शिक्षण प्रक्रिया को संपन्न करे |.