फिराक गोरखपुरी

Published on Slideshow
Static slideshow
Download PDF version
Download PDF version
Embed video
Share video
Ask about this video

Scene 1 (0s)

फिरा क गोरखपुरी. BY ARUN JETLY.

Scene 2 (7s)

फिराक गोरखपुरी. खोए हैं अगर जान से खो लेने दे ऐसे में जो हो जा.ए वो हो लेने दे एक उमर पां हैं सब्र भी कर लेंगे वक़्त तो जी भर के रो लेने दे.

Scene 3 (20s)

फिराक गोरखपुरी. करते नहीं कुछ तो काम करना क्या आ जीते-जी जान से गुजरा क्या आ रो रो के मौत मांगने वालों को जीना नहीं आ सका तो मरना क्या आ.

Scene 4 (32s)

फिराक गोरखपुरी. तू हाथ को जब हाथ में ले जाने है दुख दर्द जमने के मिटा देता है संसार के तपते हुए वीराने में सुख शांत को गोया तो हरि खेती है:.

Scene 5 (45s)

फिराक गोरखपुरी. हर साज़ से होती नहीं ये धुन भुगतान: होता है बस जतन से ये गुण भुगतान: मिज़ान-ए-नाशत-ओ-अहम में सदियों तुल कर होता है हयात में तवाज़ुन भुगतान:.

Scene 6 (58s)

फिराक गोरखपुरी. कहते हैं याहि तेरी निगाहें ऐ दोस्ती निकले न: जिंदगी की रही ऐ दोस्ती क्यूं हुस्न-ओ-मोहब्बत से न जाने उथ के दोनो इक दसरे को चाहने ऐ दोस्ती.

Scene 7 (1m 12s)

फिराक गोरखपुरी. पाते जाना है और ना खोटे जाना: हंसे जाना है और न जाने जाना: अव्वल और आधिरी पयाम-ए-तहजीबी इंसान को इंसान है जाने जाना.

Scene 8 (1m 27s)

फिराक गोरखपुरी. आ जा की खां है शाम परदा घरे: मुद्दत हुआ जब हुए द दर्शन तेरे महरिब से सुनहरी गरद उथी सी-ए-क़ाफ़ी सूरज ने अग्नि रथ के घोड़े फेरे.

Scene 9 (1m 39s)

फिराक गोरखपुरी. अमृत वो हलाहल को बना देता है हुस्से की नज़र फुल खिलाड़ी देता है मान लदी औलाद को जैसे तने किस प्यार से परमी को साजा देता है.

Scene 10 (1m 51s)

फिराक गोरखपुरी. हर सांस में गुलजार से खिल जाते थे हर लम्हे में जन्नत की हवा खाते थे क्या तुझे को मोहब्बत के वो अय्याम है यादी जब पर्दा-ए-शब बजते द दिन जाते थे.

Scene 11 (2m 4s)

फिराक गोरखपुरी. आँखे हैं की पैठं मोहब्बत वालें बिखरी हैं लातें की निंद में हैं काले पहली से लगा हुआ हिरण का बच्चा किस प्यार से है बहल में बगीचे डाले.

Scene 12 (2m 16s)

Thank you.